Friday, September 20, 2019

Venus in different roles



Simple  Astrology

चार्ट वन कुंडली सुबह देखा और चार्ट 2 शाम को देखा । दोनों मिथुन लगना है । शुक्र 5L, 12L होकर दोनों कुंडली में अष्टम में है । अष्टमेश शनि दोनों कुंडली में चतुर्थ भाव में है । सूर्य दोनों कुंडली में सप्तम में है । यानो घर में पहुत पीड़ा है, पत्नी भी घर की पीड़ा से त्रस्त है ।

मुख्य कारण पीड़ा का शुक्र है । पूरी कुंडली देखेगे तो फर्क आसानी से समझ आएगा ।
पहली कुंडली में जातक ने शुक्र की अंतर्दशा में सट्टा में काफी पैसे गवा दिये जिस से अब सारी कमाई ब्याज और किस्तों में जा रही है ।

दूसरी कुंडली में जातक की दूसरी लड़की संतान हुई औए कुछ महीने में जैसे ही इसकी शुक्र की अंतरदशा आई तो पता चला की संतान genetic रोग Thalassemia से पीड़ित है । हर महिना का बड़ा खर्चा दवाइयो में जाता है ।

शुक्र पैसे का , पत्नी का , लड़की का कारक होते है । और आप देखे की कारक का result अन्य factors के साथ मिलागे तो कैसे स्पष्ट हो जाते है, आप खुद देखले।

पहली कुंडली में जातक में परेशानी खुद मोल ली है और दूसरी कुंडली में किस्मत ने दी है । इसका बात का फर्क बिलकुल क्लियर आएगा जब आप दोनों कुंडली में राहू-बृहस्पति का योग को देखेगे ।

दोनों कुंडली के उपाय भी अलग अलग ही दिये जाएगे ।

मेरा प्रयास example देने का है, ताकि सब अपने ज्योतिष तरीके से इसको समझे ।
आप का दिन शुभ हो ।

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Vijay Goel
Astrologer Jaipur
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