This teachings written by scholar shri Ram Krishan Goel, now residing in Gurgoen. This Nadi system where Ascendent is considered equally very important. Now for us he has produced the series to understand the basics and naunces of original Nadi Astrology. This particular material is cover under his copyright as wherever applicable.
His material will be soon available in print. He can be contacted through 09810919479
[Vijay Goel] I find it is expansion of R G Rao's nandi nadi concept with ascendent. All nadis has same basic but little bit differet in applications. Much of the basic content is taken from "Core of Nadi Astrology" of Late RG Rao.
[Vijay Goel] I find it is expansion of R G Rao's nandi nadi concept with ascendent. All nadis has same basic but little bit differet in applications. Much of the basic content is taken from "Core of Nadi Astrology" of Late RG Rao.
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POST No.
3
Lord Parameshwara ( SHIVA), शनी को शिव का स्थान प्राप्त है।
Note – Saturn is lord of tenth & eleventh
house of Kala Purush Horoscope – ( शनी काल
पुरुष कुंडली का 10 ओर 11 भाव का
लॉर्ड होता है। ) Hence
signifies many characteristics of tenth& eleventh house like 10th house(अत: 10 ओर 11 भाव की विशेषताए मिलती है) Karma कर्म , position कर्म स्थिति, status & 11th house income आय कर्म द्वारा), gain through karma. So Saturn is governing
planet of the Karmas (Law of Deeds), अतः शनी
कर्म एवम् उसकी कुअलिटी को प्रदशित करता है )profession and quality of profession. Saturn
is harmless शनि कभी
हानि प्रद नही होता है; it has
no intention to harm any body. इसका किसी
को भी हानि पहुचाने का विचार नही होता
Saturn pays for your efforts, deeds done in
this or in any previous life. शनि पूर्व
कर्मो का लेखा जोखे के अनुसार फल देता है।
Saturn is free from desire शनी की कोई इच्छा नही होती।, elder brother बड़ा भाई, tau ताऊ, lazy आलसी, slow धीरे धीरे, delay देरी , vayu tatwa वायु तत्व, gastric effect गेस का कारण, dilapidated टूटे फूटे जर्जर मकान, black in color रंग मे काल ,application language like formula गणित मे फॉर्मूला ,symbols निसान,blue prints, three leaves together पेड़ की तीन
पत्ती एक साथ अर्थात बेल पत्र, kashyap gotra कश्यप गोत्र, industrial development places फैक्टरी का स्थान, departed souls गुज़री आत्मा, god yamah यंमराज,
korma avatar कूर्म
अवतार, iron लोहा, cold taste बासी ठंडा खाना, sangur tree ( found in Rajasthan in abundance), blue
sapphire नीलम, Neelam, slave or
servant दास ओर
नोकर, slum झुग्गी झोपड़ी, departmental and work related places कार्य से संबंधी स्थान, physically buttock चूतड़ anus गुदा portion. ( Note –Anus is not governed by Saturn. It govern
areas near by Anus) शनी गुदा
को नही आस पास के क्षेत्र को दर्शाता है।
Note- Saturn signifies slave or servant, what
does it mean.? Basically it signifies a low quality job, work or status. For
instant, if exalted sun is in conjunction of Saturn, it indicates that the
thing signifies by Sun were in exalted position at the time of birth ,later on
decayed or costly item but in poor condition like antiques items.
Saturn is executive body of delivering Karmas
according to good or bad deeds performed by native in any life present, past or
future. यहा मे एक
तथ्य बताना चाहता हू की अगर शनि ओर गुरु मे संबंध बन जाये तो प्रोफेशन बहुत उत्तम
हो जाता है। ओर शनी की सभी खराब स्थिति अछि हो जाती है।
इस प्रकार
के व्यक्ति अन्य ग्रहो के प्रभाव अनुसार उच्च कार्य कर रहे होंगे। अगर यह संभंद
नही बनता है तो 20% वयक्ति अच्छे प्रोफेशन मे होंगे।
( मेरा अपना
अनुभव है की शनि गुरु की युति रहित लोग बहुत मेहनत एवम् शारीरिक कार्य करते है)
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POST No. 4
Dragon Head (राहू )
- Dragon Head and Tail ( केतू )
in combine governs a snake. राहू एवम् केतु साप को प्रदशित करते है। राहू सांप का मुह एवम् केतु सांप की पूंछ को प्रदशित करता है ।It is natinal symbol of China. यह चीन का राष्ट्रीय निसान है। Dragon Head is mouth of snake and Dragon Tail
is tail of snake. One eats any thing by mouth and relives by tail. कोई भी जीवित प्राणी मुह से खाता है एवम्
पूंछ से निकालता है। अत राहू मुह का ओर केतु गुदा एवम् लिंग का
कारक है। So Dragon Head is governs destroyer Yamah
and dragon tail as reliever or salvation (Moksha). इसलिए राहू को यंमराज एवम् केतू को मोक्ष केहते है। इसिलिये शिव लिंग की पूजा
होती है। शिव संघारक है ओर लिंग मोक्ष कारक। Please note that when life (life of living or non living beings) goes in
the mouth of Rahu (Dragon Head ), it is destroyed or considered dead. कृपया ध्यान दे की कोई भी वस्तु मे जाती
है तो उसका अंत हो जाता है। चाहे जीवित वस्तु हो या अजीवित। Now when life (life of living or non living
beings) come out from the tail (Dragon tail), फिर यह पूछ के रास्ते बाहर आती है। it takes reshap or considered formatted in
better or worser form i.e. got Moksha from previous form of life or shape. इसका मतलब है की वह दुबारा सकल लेगी
अर्थात जन्म लेगी । Note-
Moksha means revelation, or free from the things or event you want. For
instant, you are fighting a case in court; its decision is revelation or moksha
from case. Now you want get rid from your wife and get order from the court of
divorce, it means you got Moksha from your wife. Furter you want free from your
present boss, if he or you transferred, promoted or leave the job, it means
Moksha from each other. But in religious aspect it indicates, free from
rebirth. Readers are advised to understand the meaning of Moksha clearly.
Further, Dragon head governs mouth मुह, wheel पाइया, huge विस्तृत, big बड़ा, round shape गोल सकल, bow धनुष,
black काला, ears कांन, Umbrella छाता, gathering भीड़, hurting by speech बोल कर नुकसान करना , wicked
women नीच प्रवर्ति की औरत, evil गंदी भावनाये, gambling जुआ, in initial stage down ward to look later on
upward, शुरू मे नीचे
की तरफ देखना फिर ऊपर की तरफ ( इसको अवश्य समझे। इसका मतलब है की पहले पतन फिर उत्थान । तभी कहते
की राहू आते आते बिगड़ता है ओर जाते जाते कई गुना
दे जाता है) perplexity व्याकुलता, painful swelling दर्द मेय सूजन, low
people, नीच व्यक्ति other cast or language दूसरी जाती हिन्दुओ मे इसे मूसलमांन माना
है, ।paternal father i,e. DADA दादा or grand father, smoke धुँआ,
separation अलगाव वादी, dilapidate टूटा फूटा, dried wooden logs सुखी लकड़ी के खम्बे , nest घोसला, testicles
अण्ड कोस etc आदि आदि। नोट -चुकी राहू साप का मुह है । अत ये सभी तरह के मुह प्रदशित करता है। जेसे मकान।। जो बड़ा दरवाजा होता वह राहू ओर जो पीछे का
छोटा दरवाजा होता है वह केतु। तोप का मुह जहां से गोला निकलता है वह हिस्सा
होता है। टॉप केतु होता है कोई भी लंबी पतली
वस्तु केतु होती है। सुई मे मुह राहू होता है सुई केतु। बस का आगे का दरवाजा केतु ओर पीछे का राहू। नोट - ज्यादातर राहू केतू दोनो साथ
साथ ही रहते है अत जहां राहू होगा वहा दूसरी तरफ केतू भी होगा। अगर ऐसा न होगा तो
जेल जेसी स्थिति होगी
* * नोट शनि को उम्र माना गया है। ओर राहू को यंम
राज। दोनो का वाहन भेसा भी माना
गया है। मेरा अनुभव शनी आयु है ओर राहू यंम राज
है। आगे कुंडली फलित मे उदाहरण सहित समझाऊंगा।
Dragon Tail। केतू -
grand mother, दादी एवम् नाना
salvation मुक्ति पाना -liberation आज़ाद होंन-lane सिकड़ी गली- small छोटा- obstructions रुकावट-
impediments अड़चन -dried grass सुखी घास जिसे कुशा जो पूजा मे होती है वह
( Kusha), any thing which is long but thin like
rope, कोई भी वस्तु जो लंबी हो ओर
पतली हो। जेसे pencil पेन्सिल, hair बाल, thread धागा, pipes पाइप, lion cloths दिखावटी शेर के कपड़े, trunk of Banyan tree (Bargad –Indian National symbol of Tree ),बरगद पेड़ एवम् उसकी टेहनिया sexual portion of females ( slit)योनि का छिद्र , penis, Abyss (patal loke) पाताल. Lord Ganesha ( Because it has trunk) गणेश, dogs कुत्ता, vulture गिद्ध, consumption, SMALL छोटा, observe ring silence in fast, luxuries, other cast, ( cast or religion
which are almost similar to Hinduism) such as Sikhism Christian etc दूसरे धर्म जाती जो हिन्दुओ से मिलते है
जेसे सिख्ख ईसाई आदि, Since
Dargon Tail is significator of salvation and 12th house is also signification
of salvation , the Dargon Tail in 12th house gives salvation to native
subjected to other influences.
मे यहां यह बताना चाहता हू की मोक्ष का क्या मतलब है। मोक्ष मतलब छुट कारा।। मानलो कोई मुकदमा चल रहा है ओर वह समाप्त हो जाये तो आप
कहेंगे चलो मुकदमे से मोक्ष मिल गया । अगर तलाक का
मुकदमा हो ओर फैसला अलग अलग होने का हो जाये तो आप कहेंगे मुकदमे ओर बीबी या पति
दोनो से मोक्ष मिला। आपकी पढ़ाई का अंतिम साल है ओर आपकी नोकरी
लग गई तो आप कहेगे की पढ़ाई से मोक्ष मिला।। अत मोक्ष का
मतलब है छुटकारा पाना। ओर जीवन से मोक्ष का मतलब है मोक्ष पाना। जिससे मोक्ष हो
जाता है वह दुबारा नही मिलती है अगर कोई जातक
पूछता है की तलाक कब होगा तो देखिए बीबी से मोक्ष कब मिल रहा है। भावार्थ समझे। नोट -
शब्दार्थ तो आप
समझ गए । अब भावार्थ एवम् इनका ज्योतिस मे प्रयोग सम्झना है । जिसे कुंडली अध्याय मे समझाया
जाएगा। केतू -
पूछ का कारक है।
इसका उपयोग ज्योतिष मे बहुत होगा।। जिन देवताओ को पूछ जेसा कुछ होता है
उन्हें मोक्ष कारक माना गया है। जेसे हनुमान जी। गणेश जी।
नंदी शिव जी का बैल। कुत्ता मन्दिर पर झंडा ओर झंडी।गुरद्वारा मे
निसान साहिब। आदि आदि
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Please go through these notes.
Thankyou
Best Wishes,
Vijay Goel
Mob : 8003004666
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